Zamane bhar ki yad mai mujhe na bhula dena, jab kabhi yaad aaye to zara muskura lena, Zinda rahe to fir milnge, Varna Diwali mai ek diya mere naam ka bhi jala lena….
लोभ लालच के मन में बोते बीज, देह बना रहे राजरोग की मरीज। कहें दीपकबापू सोच बना ली राख, तब चिंता निवारण पर मत खीज। -------- सोना चमके पर अनाज नहीं है। सुर लगे बेसुर क्योंकि साज नहीं है। कहें दीपकबापू महल तो रौशन राजा भी दिखे पर राज नहीं है। --- खबर से पहले घटना तय होती, विज्ञापन से बहस में लय होती। कहें दीपकबापू फिक्स हर खेल जज़्बात से सजी हर शय होती। ------ पत्थरों के टूटने पर क्यों रोते हो, दृष्टिदोष मन में क्यो बोते हो। कहें दीपकबापू नश्वर संसार में विध्वंस पर आपा क्यों खोते हो।। ---- बेरहमों ने बहुत कमा लिया, बंदरों के हाथ उस्तरा थमा दिया। कहें दीपकबापू मत बन हमदर्द दर्द ने अपना बाजार ज़मा लिया। --- तन मन की हवस एक समान, लालच के जाल में फंसा हर इंसान। कहें दीपकबापू धर्म कर्म से जो रहित, सौदागर देते सस्ते ग्राहक का मान। --- एक दूसरे में लोग ढूंढते कमी। आपस में नही किसी की जमी। कहें दीपकबापू दर्द बंटता है तभी जब कहीं शादी हो या गमी। ----
Advance Happy New Year Shayari Sms Hindi Pictures for Whatsapp Groups Yaro Yeh Saal Khatam Hone Mein Thode Din Baki Hai, Koyi Galti, Gustaakhi, Khataa Ho Gayi Ho Toh… Mafi Mang Lena… Main Aaj Achhe Mood Mein Hoon, Happy New Year In Advance!!
भलाई होती नहीं जंग के किस्से सुनाते, राजा भय से अपनी प्रीत के हिस्से भुनाते। ‘दीपकबापू’ नाचे कभी नहीं आंगन टेढ़ा बताया, विज्ञापनों में श्रृंगार गीत गुनगनाते।। --- नाकामों ने दरबार सुंदर तस्वीरों से सजाया, कामायाबी का भौंपू बाहर जोर से बजाया। चिड़ियाओं की पुरानी बीट से रंगे हैं चेहरे, ‘दीपकबापू’ दाग को रंग बताकर सजाया।। --- पहना योगी भेष खुश होते उपहार संग, लेते राम नाम बदलें बार बार अपना रंग। ‘दीपकबापू’ अच्छे शब्द सुनकर हुए बोर, नये रास्ते चले सोच चाल वही पुरानी तंग।। -- कारिंदों के कारनामे राजा अपने नाम करते, जनता का धन लेकर अपने जाम भरते। ‘दीपकबापू’ लोकतंत्र का तमाशा देख रहे बरसों से, वोट हमारा हम ही दाम भरते।। ------ मन फीके बाहर शोर से रंग डालें, पिचकारी हाथ में सोच में काली नीयत पालें। ‘दीपकबापू’ बधाई गान बजते सड़कों पर, घर के बर्तनों में सजी बेजुबान खालें।।
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