बहते जाना आसान नहीं है-हिन्दी कविता (Bahate jana asan nahin hai-Hindi Poem)

हृदय की धड़कनों के साथ
बहते जाना आसान नहीं है
संवेदना की नाव में
सवार होना भी जरूरी है।

जुबान के शब्दों की लहर के साथ
बहना आसान नहीं है
सामने सवालों के झौंके
आना भी जरूरी है।

‘दीपकबापू’ पत्थरों पर
रंगीन स्याही से लिखना
बहुत आसान नहीं है
विचारों के जंगल में
घुसना भी जरूरी है।
-----

Comments

Popular posts from this blog

विचार युद्ध जारी है-हिन्दी व्यंग्य कविता(Vichar Yuddh Jari hai-Hindi Satire Poem)

चोर बन गये साहुकार घर के बाहर पहरेदार खड़े हैं-दीपकबापूवाणी (Chor Ban Gaye sahukar Ghar ka bahar khade hain-DeepakBapuWani)

रोमियो को न रोईये मुंह ढंककर सोईये-छोटीकविताये एवं क्षणिकायें(Romeo ko n roiye munh dhankkar soeeye-HindoShrotPoem)