विचार युद्ध जारी है-हिन्दी व्यंग्य कविता(Vichar Yuddh Jari hai-Hindi Satire Poem)


विध्वंस के दौर में
उबाऊ बहसों में
विचार युद्ध जारी है।
तर्कशास्त्र कभी पढ़े नहीं
डटे विद्वान मंच पर
विचार युद्ध जारी है।

कहें दीपकबापू निष्कर्ष से
संबंध नहीं रखते
उन बुद्धिमानों का
शब्द से अर्थ की वसूली में
विचार युद्ध जारी है।
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